’’अर्थ तत्व के आधार पर रूपिम’’ और ‘‘रामचरितमानस एक समीक्षात्मक विवेचन‘‘
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Author(s):
DR POONAM KUMARI
Vol - 12, Issue- 8 ,
Page(s) : 87 - 91
(2021 )
DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
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Abstract
शब्द के परिवर्तित रूप को पद कहते हैं, महर्षि पाणिनि के अनुसार सुत्पिड.न्तं पदम्।
अर्थात्- जिस शब्द के अन्त में सुप् और तिड्. प्रत्यय मिले हों, उसे पद कहते हैं। संस्कृत में शब्द सु और जस् आदि विभक्तियों तथा तिप् तस् झि (अन्ति) आदि प्रत्ययों के योग से पद बनते हैं। इसी पद को भाषा विज्ञान में ‘रूप’ कहा जाता है। रूप संबंधी विषयों के ज्ञान प्राप्त कराने वाले शास्त्र को ‘रूप विज्ञान’ कहा जाता है।
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