मोहन राकेश की वैचारिक पृष्ठभूमि
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Author(s):
DR. MANOJ KUMAR KAIN
Vol - 6, Issue- 8 ,
Page(s) : 43 - 49
(2015 )
DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
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Abstract
मोहन राकेश हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित रचनाकार हैं। सनद रहे वही रचनाकार प्रतिष्ठित होता है, जो प्रयोगधर्मी होता है। प्रयोगधर्मी वही रचनाकार है, जो अपने परिवेश को आत्मसात कर अपने चिंतन एवं मनन में नई सोच पैदा करता है। साहित्य संबंधी अनेक प्रश्नों और समस्याओं पर मोहन राकेश ने विभिन्न दृष्टिकोणों से विचार एवं विमर्श किया है। किंतु यह भी ध्यातव्य रहे कि वे मूलतः दार्शनिक नहीं थे।
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