कलाविद् श्री देवकीनन्दन शर्मा ( भित्ति चित्रण परम्परा )
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Author(s):
DR. KHEM SINGH DAGUR
Vol - 5, Issue- 5 ,
Page(s) : 89 - 92
(2014 )
DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
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Abstract
इतिहास साक्षी है कि मानव विकास में भित्ति चित्रण भी सम्मिलित हैं । आदि - मानव काल में गुफाओं की दीवारें उपलब्ध पुरातत्वीय सामग्री,प्राच्य साहित्य तथा रामायण - महाभारत कालीन कलात्मक रचनाओं से ज्ञात होता है कि चित्राकृति मानव की अंतर्निहित शक्ति है । जिसका उजागर वह समय-समय पर विभिन्न रूपों में करता आया है।
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