कात्यायनीय संज्ञाओं का विश्लेषण
1
Author(s):
DR.VEDMITRA ARYA
Vol - 14, Issue- 11 ,
Page(s) : 11 - 17
(2023 )
DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
Get Index Page
Abstract
कात्यायनीय प्रातिशाख्य शुक्लयजुर्वेद से सम्बन्धित प्रातिशाख्य ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को शुक्लयजुर्वेदप्रातिशाख्य वाससनेयिप्रातिशाख्य आदि नामों से भी अभिहित किया जाता है। यह ग्रन्थ पाणिनीय अष्टाध्यायी के समान आठ अध्यायों में विभाजित है।
|