1.	समकालीन हिन्दी कविता के बदलते सरोकार, डाॅ. राधा वर्मा, पृ. 7।
2.	कवियों की पृथ्वी, अरविन्द त्रिपाठी, पृ. 143।
3.	अथातो काव्य जिज्ञासा, सं. डाॅ. मंजुल उपाध्याय, पृ. 214।
4.	रात अब भी मौजूद है, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 34।
5.	वही, पृ. 84।
6.	कवियों की पृथ्वी, अरविन्द त्रिपाठी पृ. 144।
7.	घबराए हुए शब्द, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 12।
8.	महाकाव्य के बिना, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 120।
9.	कविता की संगत, विजय कुमार, पृ. 88
10.	इस यात्रा में, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 77।
11.	घबराए हुए शब्द, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 98।
12.	वही, पृ. 33।
13.	कविता की संगत, विजय कुमार, पृ. 87।
14.	बची हुई पृथ्वी, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 61।
15.	रात अब भी मौजूद है, लीलाधर जगूड़ी, पृ. 65।
16.	कविता की संगत, विजय कुमार, पृ. 86।