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                                        छत्तीसगढ़ की भुंजिया जनजाति का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिणिक अध्ययन
                                   
                                         
                                               
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                                           Author(s):   
                                                SATYAJEET SINGH KOSARIYA
                                                 
               
                              Vol -  5, Issue- 3 , 
                         
                   
                                                     Page(s) : 63  - 74
                   
                                         (2014  )
                                         
                                             DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES  
                                        
                                         
                                Abstract
                                        
                                            किसी भी जनसुमदाय को उसमें उपस्थित विभिन्न प्रकार की संघटनाएॅ उदाहरणार्थ आयु-लिंग संयोजन अथवा जननशक्ति द्वारा जनसमूहों की आर्थिक, सामाजिक अथवा व्यवसायिक सदस्यता के आधार पर जनसंख्या संयोजन को परिभाषित किया जाता है। प्रस्तुत शोध में परिवार, आयु-लिंग संयोजन, आर्थिक, शैक्षणिक तथ्यो का विशलेषण प्राथमिक अॅंाकड़ों के आधार पर किया गया है। प्रस्तुत शोध में जनगणना विधि से 194 परिवारों का चयन किया गया, जिसमें 95 प्रतिशत केन्द्रीय परिवार, 19.58 प्रतिशत परिवारों में सदस्यों की संख्या 5 है। कुल जनसंख्या का 16.04 प्रतिशत 15-19 वर्ष आयु समूह के है, लिंगानुपात 1021 प्रति हजार पुरूष तथा भंुजिया जनजाति की साक्षरता दर 63 प्रतिशत पायी गयी है।       
                                       
                                        
                                            
                                                  Census of India, (2001). Table on individual scheduled caste (SC) and scheduled tribes (ST).      Govt. of India Ministry of home affairs. http://censusindia.gov.in.Russel R.V.and Hiralal, (1916).  Tribes and Caste of Central Proviences of India, 4: 322-328. London:macmillan and co.मुकर्जी रविन्द्र नाथए 2004, सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा, विवके प्रकाशन दिल्ली।चैबे रामेश एवं वन्दना शर्मा, 2003, सामाजिक संास्कृतिक मानवविज्ञान, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी।पटैरिया, हरिनारायण, 1995, जैविक जनांकिकी, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी।वैष्णव टी. के. 2004, छत्तिसगढ़ की अनुसूचित जनजातियाॅ, आदिम जाति एवं प्रशिक्षण संस्थान रायपुर (छ.ग.)।
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