Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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ग्रामीण सामाजिक विकास एवं पंचायती राज
1 Author(s): HIRENDRA SANODIYA
Vol - 4, Issue- 4 , Page(s) : 176 - 180 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
भारत सहित अन्य विकासशील देशो की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है तथा ग्रामीण समाज और उसकी परिस्थिति की समग्र राष्ट्रीय विकास की धुरी है। यही कारण रहा है कि स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय आर्थिक नियोजन में ग्रामीण विकास को प्रत्येक पंचवर्षीय योजना में प्राथमिकता दी जा रही है। परिणामस्वरूप देश के ग्रामीण क्षेत्रों का परिदृश्य परिवर्तित भी हुआ है किन्तु अभी भी सुख, समृध्दता,स्वास्थ्य तथा समरसता से परिपूर्ण ग्रामीण समाज का स्वप्न साकार होना शेष है।