Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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शिक्षा के निष्पक्ष स्वरूप
1 Author(s): ANUPAM JAYASWAL
Vol - 7, Issue- 7 , Page(s) : 35 - 38 (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
शिक्षा की प्रक्रिया द्वारा एक पीढ़ी के विचार, संस्कार, ज्ञान, कौशल आदि का हस्तांतरण अगली पीढ़ी को किया जाता है जो भावी जीवन के विकास का द्योतक है, परन्तु इसी प्रवाह में हम विकासात्मक परिवर्तन को भुलाकर, प्रायः रूढ़िवाद व पूर्वाग्रह से ग्रसित विचारों, अघोषित व आधारहीन मान्यताओं, अप्रासंगिक संस्कारों, अलिखित परम्पराओं, विभिन्न कुरीतियों, और सापेक्षिक धारणाओं को भी आगे बढ़ा देते हैं, परिणाम स्वरूप बालक का जीवन दर्शन प्रभावित हो जाता है, ये स्थिति शिक्षा के निष्पक्ष स्वरूप के लिए एक चुनौती है। शिक्षा के द्वारा मनुष्य के व्यवहार में विकासोन्मुखी परिवर्तन, ऐसे विचारों एवं प्रक्रियाओं द्वारा सम्पन्न होने चाहिए जो निष्पक्षता, न्यायपूर्णता और वस्तुनिष्ठता पर आधारित हों।