Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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भारतीय साहित्य में नारी और प्रेम
1 Author(s): POONAM DEVI
Vol - 8, Issue- 10 , Page(s) : 5 - 10 (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
किसी भी संस्कृति की विशिष्टता एवं उसकी सीमा को जानने के लिए नारी की स्थिति का अवलोकन करना बेहद आवश्यक है। हमारी सभ्यता के शुरू से आज तक नारी इतिहास के पन्नो पर नक्षत्र कि तरह टिमटिमाती रही है। आदि काल से ही नारी समाज कि रचना में पुरुष के साथ अंग बन कर रही है।