Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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स्त्री चेतना का बदलता परिदृश्य (हिन्दी साहित्य के सन्दर्भ में)
1 Author(s): DR. LAXMI DEVI
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 47 - 52 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
आधुनिक युग में स्त्री विमर्श व स्त्री चेतना सदियों से हो रहे स्त्री शोषण और उसके प्रति जागरुकता का परिणाम है। हिन्दी साहित्य स्त्री विमर्श में आज की भारतीय स्त्री के जीवन की वास्तविकताएं हैं और सम्भावनाएं भी। इस विमर्श में स्त्री जीवन की वास्तविकताओं और कामनाओं का कलात्मक चित्रण, स्त्री जीवन की जटिल समस्याओं, उसकी दासतां की दारुण सिथतियों और उसकी मुकित की दिशाओं का वर्णन है। वर्तमान समय में स्त्री का सम्मान पुरुष की दृषिट में लगभग न के बराबर हो चुका है, उसकी नजर में स्त्री केवल एक भोग की वस्तु बनकर रह गयी है।