Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 207    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

गांधी और सिनेमा

    1 Author(s):  DR SUDHANSHU KUMAR SHUKLA

Vol -  10, Issue- 7 ,         Page(s) : 11 - 13  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

गांधी न ही भगवान् है, न ही अवतार है, न ही कोई चमत्कारी शक्ति के रूप में भारत में अवतरित हुए। एक जन सामान्य के रूप में, मैं गांधी को देखता हूँ। जिनका उद्देश्य कोई वाद- सम्प्रदाय चलाना नहीं था, वह तो मात्र जन-कल्याण की भावना से ग्रस्त होकर ही कोई कार्य नहीं करते थे। फिर भी कोई ना कोई ऐसी शक्ति, ऐसा आकर्षण उनके जीवन में अवश्य रहा है, जिसके कारण आज हम भारतीय ही नहीं विश्व मानव समुदाय जीवन की तमाम समस्याओं का निदान गांधी में देखता है, यही उनकी महत्ता, विराटता है कि हम आज भी उनकी प्रासंगिकता को सार्थक मानते हैं।

  1.    सत्य के प्रयोग, महात्मा गांधी, पृ. 20
  2.    महात्मा गांधी का नैतिक दर्शन, डॉ. वेद प्रकाश वर्मा, पृ. 40
  3.    महात्मा गांधी का नैतिक दर्शन, डॉ. वेद प्रकाश वर्मा, पृ. 42
  4.    संचार से जनसंचार, रूपचंद गौतम, पृ. 52
  5.    सत्य के प्रयोग, महात्मा गांधी, पृ. 219
  6.    महात्मा गांधी का नैतिक दर्शन, डॉ. वेद प्रकाश वर्मा, पृ.199

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details