Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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काव्यशास्त्र में “प्रतिभा-पदार्थ” की अवधारणा
1 Author(s): DR. RAMPHAL SHASTRI
Vol - 5, Issue- 1 , Page(s) : 27 - 35 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
प्रस्तुत शोधपत्र में काव्यशास्त्र में वर्णित “प्रतिभा-पदार्थ” के सारभूत विवेचन को समीक्षात्मकरूप से उपस्थित किया गया है। प्रतिभा काव्यरचना का मूल आधार होती है। इसके विना कव्य की रचना करना संम्भव नही है। इसके द्वारा ही कवि अपनी रचना को समाज के सामने प्रस्तुत करने में समर्थ होता है। काव्यशास्त्र में इसके महत्त्व पर सभी काव्यशास्त्रियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं जिनका सारसंक्षेप वर्णन यहाँ विद्यमान है।