Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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गणतन्त्र के समक्ष चुनौतिया एवं उसकी रक्षा के लिये क्रानितकारी पहल की आवश्यकता
1 Author(s): GULAB SINGH
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 73 - 76 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
भारतीय जन मानस ने 26 जनवरी 1950 को अपने देश के संविधान को अंगीकृत कर भारतीय गणतन्त्र की नीव रखी। इस दिन को हम राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाते हैं। लेकिन वर्तमान समय में यह उत्सव के बजाय महज औपचारिकता बनकर रह गया है। राष्ट्र निर्माताओं ने देश के स्वरुप और चुनौतियों को ध्यान में रखकर गणतन्त्र को उत्कृट संविधान प्रदान किया। संविधान निर्माताओं ने यह कभी नही सोचा था कि देश भर में व्यापक असर रखने बाली कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व का सामना करना पड़ेगा और यहाॅ तक कि आप जैसी नयी नवेली पार्टी भी उनके लिये चुनौती बन जायेगी।