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                                        कबीर एक सामाजिक उपक्रमीः आर्थिक पक्ष
                                   
                                         
                                               
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                                           Author(s):   
                                                MADHU RANI ,  PARDEEP KUMAR
                                                 
               
                              Vol -  5, Issue- 2 , 
                         
                   
                                                     Page(s) : 161  - 166
                   
                                         (2014  )
                                         
                                             DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES  
                                        
                                         
                                Abstract
                                        
                                            आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर के व्यक्तित्व की व्याख्या करते हुए कहा है कि कबीर को लोगों ने समाज-सुधारक, सर्वधर्म-समन्वयकारी, हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतिष्ठापक, कवि, दार्षनिक एवं भक्त आदि रूपों में देखा है, किन्तु इनमें भक्त रूप ही सच्चा है, शेष रूप इसी से प्रकाषित हैं। 
कबीर का ‘‘कहत कबीर’’ आधुनिक व्यक्तिवादी को सम्मुख नहीं लाता अपितु एक लोक-व्यक्ति को सामने लाता है, जिसे एक समाज-सुधारक, एक समन्वयवादी तथा एक हिन्दू-मुस्लिम एकता में विष्वास करने वाला भी अपना प्रतिबिम्ब समझ सकता है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर कहा जा सकता है कि कबीर अपने काल के वैसे ही व्यक्ति थे जैसा उस काल का कोई समाज सुधारक हो सकता है।  
                                       
                                        
                                            
                                                  डा0 अनन्त, कबीर ग्रन्थावली, पृष्ठ 63डा0 बलदेव वंषी, पूरा कबीर, पृष्ठ 231डा0 बलदेव वंषी, पूरा कबीर, पृष्ठ 232सुशील सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 78सुशील सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 189डा0 बलदेव वंषी, पूरा कबीर, पृष्ठ 157श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 55श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 69श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 54श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 189श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 188श्रीमति सुषीला सिन्हा, लौह पुरूष कबीर, पृष्ठ 190डा0 बलदेव वंषी, पूरा कबीर, पृष्ठ 158डा0 अनन्त, कबीर ग्रन्थावली, पृष्ठ 67
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