Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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‘‘सक्रिय अधिगम प्रविधि'' की प्रभावशीलता का अध्ययन : होशंगाबाद (म.प्र) के संदर्भ में
2 Author(s): DR. RASHMI SHARMA , DR. ALOK SHARMA
Vol - 5, Issue- 3 , Page(s) : 80 - 88 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
स्वतंत्रता प्राप्ति के छः दषक बाद भी ‘‘सभी के लिये षिक्षा’’ की उपलब्धता पर प्रष्नचिन्ह है। षिक्षा को एक अधिकार के रूप में प्रतिलक्षित करने की एक पहल सन् 2009 में की गई है, परन्तु इस राह में भी बहुत चुनौतियाँ हैं। सभी के लिये षिक्षा का सपना अगर साकार हो भी जाता है तो उसकी सार्थकता संदिग्ध है। स्थानीय निकायों से लेकर जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर चहुँओर षिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चर्चा है। षिक्षा को मूल्यपरक, जीवनोपयोगी एवं विद्यार्थी केन्द्रित बनाने के लिये सभी कार्यरत हैं। इसी श्रंख्ला में एक ऐसी षिक्षण पद्धति की चर्चा की जा रही है जिसका तानाबाना विद्यार्थी के स्वयं के अनुभवों एवं पूर्व ज्ञान पर आधारित हो। विद्यार्थी अपने ज्ञान की संरचना स्वयं करे एवं इस प्रक्रिया में क्रियाषील रहते हुए अपनी समझ विकसित करे। स्वयं के द्वारा ज्ञान के निर्माण की इस प्रक्रिया को ‘‘संरचनावाद’’ नाम दिया गया है।