1. पं॰ तैलंग, लक्ष्मण भट्ट, ‘‘संगीत रस मंजरी’’, पृष्ठ संख्या 1
2. भटनाकर, मधुरलता, ‘‘भारतीय संगीत का सौन्दर्य विधान’’ पृष्ठ संख्या 158
3. डाॅ॰ शर्मा महारानी, ‘‘संगीहत मणी’’ पृष्ठ संख्या 139
4. वि॰ ना॰ भातखंडे, ’’क्रमिक पुस्तक मालिका’’, पंचम भाग पृष्ठ संख्या 50
5. C.S. Pant, “Khayal Compositions from the Point of view of Poetry”, Commemoration Volume 1961, Page No. 138
6. C.S. Pant, “Khayal Compositions from the Point of view of Poetry”, Commemoration Volume 1961, Page No. 140
7. V. R Athavale,“Khyal Singing and Bandish”, Journal of the Indian Musicological Society, Vol.-VII , Dec 1976 page no. 35.
8. सक्सेना, मधुबाला, “ख्याल शैली का विकास’’ पृष्ठ संख्या 213
9. वी॰ वी॰ देशपाण्डे, ’’संगीत और साहित्य’’, संगीत कला विहार 1971 पृष्ठ संख्या 10
10. पं॰ विनायक ना॰ पटवर्धन, ’’राग विज्ञान’’, तृतीय भाग पृष्ठ संख्या 16
11. पं॰ विनायक ना॰ पटवर्धन, ’’राग विज्ञान’’, तृतीय भाग पृष्ठ संख्या 26