Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
ख्याल शैली की बंदिशों का विकास
1 Author(s): ANURADHA KOTIYAL
Vol - 5, Issue- 5 , Page(s) : 56 - 66 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
इस नादात्मक जगत के मानव के संवेगों की सर्वोकृष्ट भाषा संगीत को कहा गया है। भावों और विचारों का कुंज मानव अपने जीवन को जीवन बनाये रखने के लिए सदैव आनन्द पूर्व खोजता रहा है। इसलिए उसने अपने भावों और विचारों को अभिव्यक्ति करने के लिए अनेक माध्यम खोजे। कलाओं का जन्म भी उसी आवश्यकता का परिणाम है।