Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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संगीत साधना की आध्यत्मिक पृष्ठ भूमि
1 Author(s): ANURADHA KOTIYAL
Vol - 5, Issue- 4 , Page(s) : 53 - 58 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
भारतीय सृष्टिकोण के अनुसार कला वह है, जो मुक्ति के लिए उपकारक हो। जो कला केवल भौतिक सुख विलास का माध्यम है वे भारतीय दार्शनिकों की दृष्टि में कला नहीं है। कला का अन्तिम लक्ष्य भौतिक संसार के उपर उठकर ऐसे मधुमति अवस्था को प्राप्त करना है जिसमें भौतिक द्वन्द्वों के लिए कथयपि स्थान नहीं:-