Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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भारतीय नारी-संघर्ष अभी कम नहीं (एक जमीन अपनी के विशेष सन्दर्भ में)
1 Author(s): AMIT JAIN
Vol - 3, Issue- 2 , Page(s) : 8 - 13 (2012 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
प्राचीन काल में नारियों को पुरूषों के समान अधिकार प्राप्त थे। परिवार में उनका स्थान प्रतिष्ठापूर्ण था। गृहस्थी का कोई भी कार्य उनकी सम्मति के बिना नहीं होता था। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब रामचन्द्र जी ने अश्वमेघ यज्ञ किया तो उन्होनें सीता के वनवास के कारण उनकी स्वर्ण प्रतिमा रखकर यज्ञ किया।