Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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महाकवि घनानन्द की श्रृंगारिक-समीक्षा
1 Author(s): DR. ANJANA
Vol - 4, Issue- 2 , Page(s) : 114 - 123 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
महाकवि घनानन्द हिन्दी में रीतिमुक्त काव्यधारा के प्रवर्तक कवि माने जाते है। प्रायः इनके नामों को लेकर हिन्दी के विðानों में बहुत मतभेद पाया जाता है। आनन्द, घन-आनन्द और आनन्दघन ये तीनों नाम एक ही रूप में प्रचलित रहे है, किन्तुु अब के विðानों ने इन तीनों नामों का पार्थक्य निरूपित कर दिया है।