Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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वास्तुशास्त्र और मानव जीवन

    1 Author(s):  DR. SUBHASH CHANDRA MISHRA

Vol -  4, Issue- 3 ,         Page(s) : 53 - 69  (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

अमूल्य जीवन का संचालन करते हुए स्वस्थ खुशहाल तथा सुविधा सम्पन्न जीवन व्यतीत करना प्रत्येक मानव की इच्छा तथा अकांक्षा होती है। मानवीय आकांक्षा की पूर्ति करना तथा प्राकृतिक उर्जा का मानव जीवन में उपयोग करते हुए प्राकृतिक शक्तियों एवं पंचमहाभूतों से सामञ्जस्य स्थापित करना वास्तुशास्त्र का मुख्य उद्देश्य है। इस कार्य को सम्पन्न करने के लिए तथा मानव जीवन में वास्तुशास्त्र की सार्थकता सिद्ध करने के लिए वास्तुशास्त्र के आधारभूत सिद्धान्त के साथ साथ वास्तुनिर्माण पर ग्रहों का प्रभाव एवं वास्तुशास्त्रानुसार गृहसज्जा का विधान विषय पर प्रस्तुत लेख में वर्णन किया जा रहा हैए जो कि मानवीय पक्ष की सुरक्षा तथा समृद्ध के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

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1 मत्स्यपुराण २५२ध्२.४
2 विश्वकर्माप्रकाशए अध्याय १ए श्लोक २.३
3 वास्तुमण्डनम् अध्याय ७ए श्लोक १०
4 वास्तुराजवल्लभ अध्याय ९ए श्लोक १४
5 विष्णुधर्मोत्तरपुराणए अध्याय ४३ए श्लोक.१४
6 वास्तुमण्डनम् अध्याय ७ए श्लोक ११ए १२
7 मयमतम्ए अध्याय १८ए श्लोक.१११
8 वृहदवास्तुमालाए श्लोक १५५
9 समरांगसूत्रधारए अध्याय ४८ए श्लोक १०४

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