Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 34    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

मौर्य राज्य का स्वरूप

    1 Author(s):  VIKAS KUMAR

Vol -  4, Issue- 2 ,         Page(s) : 75 - 81  (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

इसा पूर्व 321 मे नंदो को पराजित कर मौर्यो द्वारा भारत केे इतिहास का पहला साम्राज्यवादी और व्यापक साम्राज्य की स्थापना की गर्इ। चूँकि इसकी नींव तलवार के जोर से रखी गर्इ थी, अत: इसकी रक्षा भी उसी प्रकार से हो सकती थी। आंतरिक एवं बाहय दोनो प्रकार की सुरक्षा की दृषिट से मौर्य साम्राज्य को एक विशाल एवं स्थार्इ सेना और चुस्त दंडव्यवस्था की आवश्यकता की। साथ ही, इसके संचालकों पर होने वाले खर्च के लिए ध्न जुटाने के निर्मित राजस्व के नए स्त्राोतों की खोज जरूरी थी। पफलत: विभिन्न स्तरों पर विविध् आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक गतिविधियों पर नियंत्राण रखने के उधोग की पूर्ति के लिए एक व्यापक एवं जटिल शासन व्यवस्था का उदभव हुआ। मौर्यो के प्रशासन-तंत्रा का यह स्वरूप नया एवं कापफी हद तक केन्द्रीकृत था।

order cytotec buy online prescription
order online

1. थापर, रोमिला, अशोक और मौर्य साम्राज्य का पतन
2. मोबेट, आई.डब्लू, ट्रथ मिथ एण्ड पोलोटिक्स इन एन्शियंट इडिया
3. ट्राटमेन, कौटिल्य एण्ड अर्थशास्त्रा
4. पफुसमेन, इडियंन हिस्टोरिकल रिव्यु
5. हबीब, इरपफान, दी मेपिगं आपफ मौयर्न इम्पायर

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details