Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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पाणिनीय व्याकरण में प्रयुक्त कृत्रिम तथा अकृत्रिम संज्ञाओं का विश्लेषण
1 Author(s): DR. VED MITRA ARYA
Vol - 4, Issue- 3 , Page(s) : 122 - 131 (2013 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
आचार्य पाणिनि शब्द शास्त्र के साक्षातकृतधर्मा ऋषि थे, जिन्होंने केवल 4000 सूत्रों के माध्यम से सम्पूर्ण लौकिक एवं वैदिक वाङ्मय का अन्वाख्यान किया है।